मरकुस अध्याय 3: 1-35

सारांश:

परमेश्वर मनुष्य के हृदय की कठोरता को देख कर बहुत ही दुखी था, क्योंकि शैतान ने मनुष्य के हृदय कोे कठोर कर दिया था ताकि उसे परमेश्वर की ओर मुड़ने की अनुमति ना मिल सके, और मनुष्य को नरक की ओर ले जाना चाहता है। शैतान हमेशा जानता था कि यीशु परमेश्वर का पुत्र था और जब कोई व्यक्ति अपने सारी दिल से परमेश्वर की ओर वापस आ जाता है, तो उसका दिल भी नरम हो जाएगा।
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विचार करने के लिए प्रश्न…

हृदय की कठोरता क्या है?
शैतान झूठ बोलकर लोगों को कहाँ ले जाना चाहता है?

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