यीशु अपने सवालों के जवाब देता है और फिर उन्हें एक दाख की बारी मालिक के बारे में एक दृष्टान्त बताता है जो अपने दासों को फल इकट्ठा करने के लिए भेजता है, लेकिन वे गलत तरीके से उनको मार देते है, और अंततः में मालिक अपने बेटे को भेजता है, यह सोच कर कि किशान उसका सम्मान करेंगे, लेकिन वे उसे भी मार डालते है। यीशु ने उन्हें बताया कि तब स्वामी आकर दुष्ट किशानों का नाश करेगा, और दूसरों को दे देगा जो फल का उत्पादन करेगा।
विचार करने के लिए प्रश्न…
दाख की बारी के मालिक ने क्या किया?
जिस पत्थर को ठुकरा दिया था, वह कोने का मूल पत्थर बन गया, इसका क्या मतलब है?